किन वजहों से होता है यौन संचारित संक्रमण और इससे बचाव के क्या हैं उपाय? जानेंगे एक्सपर्ट से

किन वजहों से होता है यौन संचारित संक्रमण और इससे बचाव के क्या हैं उपाय? जानेंगे एक्सपर्ट से
आजकल ज्यादातर लोग एसटीआई के बारे में बात करते हैं। इस श्रेणी में कौन-कौन से रोग आते हैं और उनसे बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए।
यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) या यौन संचारित रोग ऐसे संक्रमण हैं जो यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। इस श्रेणी में 25 से अधिक ऐसी बीमारियां हैं, जो मुख्य रूप से योनि, गुदा और मुख जैसे यौन संपर्क से फैलती हैं।
एसटीआई वाले अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वे अपने यौन साथी को संक्रमण पहुंचा सकते हैं। अगर इसका इलाज न किया जाए तो सर्वाइकल कैंसर, लीवर की बीमारी, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। तो बहुत गंभीर बीमारियां हैं।
कुछ एसटीआई (जैसे हर्पीज, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस गोनोरिया एचएसवी -1, एचएसवी -2, क्लैमाइडिया) एचआईवी संक्रमित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं यदि कोई व्यक्ति एचआईवी नकारात्मक है और एचआईवी पॉजिटिव के संपर्क में है।
एसटीआई के कारण
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से किशोर लड़कियों और युवतियों में एसटीआई होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, किशोरों और वयस्कों को भी एसटीआई को रोकने के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में परेशानी हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि बढ़ती उम्र में बच्चों से इस बारे में बात की जाए। कभी-कभी एसटीआई के कोई लक्षण नहीं होते हैं, फिर भी यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। बहुत से लोग स्वयं एसटीआई से संक्रमित हो जाते हैं, उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं होती है।
एसटीआई से बचाव
इसके बारे में जानने का एकमात्र तरीका परीक्षण करना है। एसटीआई की समस्या से बचाव तभी संभव है जब सहवास सुरक्षित तरीके से किया जाए।
(डॉ राजिंदर यादव, यूरोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग, दिल्ली से बातचीत के आधार पर)